इसी दौरान लोगों को प्रभावित कर लेने, सांगठनिक दायित्व को कुशलता से निभा लेने और नेतृत्व देने की क्षमता संगठन की नजर में आई और आपको साल 1994 में भाजपा की युवा शाखा का युवा मोर्चा प्रभारी बनाकर बुन्देलखण्ड भेजा गया. साल 1996 में आप भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री बन चुके थे, दो साल बाद भी आपको इस पद पर बरकरार रखा गया. वर्ष 2001 में पार्टी ने आपको और बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपते हुए भाजपा युवा मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया. आगरा में देश भर के युवाओं का ऐतिहासिक जुटान और सम्मेलन का शानदार संचालन आज भी पार्टी के भीतर चर्चा में रहता है.
साल 2004 में आप विधान परिषद के सदस्य चुने गये और इसी साल आपको यूपी भाजपा का प्रदेश महामंत्री बना दिया गया. सदन में आप के ओजस्वी भाषणों से उभर कर आया कि किसानों-मज़दूरों की आपकी ज़मीनी समझ और चिंता कितनी गहरी है.
भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश संगठन में अलग-अलग सालों में महामंत्री और उपाध्यक्ष का उत्तरदायित्व निभा चुके स्वतंत्र देव सिंह संप्रति उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष का उत्तरदायित्व मिलने से पहले आप यूपी सरकार में परिवहन और प्रोटोकॉल मंत्री (राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार) के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. हाल के प्रयागराज महाकुंभ में जिस तरह नये प्रयोगों से आपने सड़क परिवहन को धार्मिक पर्यटकों के लिए आसान बना दिया था, वो आज भी याद किया जाता है.
बीते लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के प्रभारी के तौर पर जिस तरह आप ने जीत की व्यूह रचना की उससे आप को संगठन में शानदार रणनीति कार के तौर पर भी देखा जाता है. देश के अलग-अलग राज्यों में पार्टी आपकी सांगठनिक क्षमता का उपयोग करती रही है.
स्वतंत्रदेव सिंह 2014 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी सदस्यता अभियान के भी प्रभारी बनाए गए थे. इस दौरान प्रदेश भर से एक करोड़ से ज्यादा नये सदस्य बनाकर स्वतंत्रदेव सिंह ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया था. उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर आप पर जीत की भारी जिम्मेदारी थी. सटीक टिकट वितरण, शानदार संगठन, बेहतर सियासी व्यूह-रचना और जोरदार जन-संपर्क के सहारे भाजपा ने एक बार फिर प्रदेश में शानदार जीत हासिल की. आपकी क्षमता का और अधिक उपयोग करने के लिए योगी आदित्यनाथ जी की 2022 की सरकार में आपको जल शक्ति (कैबिनेट मंत्री) का दायित्व दिया गया है. विधान परिषद में शासन का पक्ष ज्यादा बेहतर तरीके से रखने के लिए आपको नेता सदन का भी गुरूतर भार सौंपा गया है.